उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में तीन दिवसीय किसान मेला का किया शुभ उद्घाटन

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में तीन दिवसीय किसान मेला का किया शुभ उद्घाटन


भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में लगने वाले चर्चित पूसा किसान मेले का किसान साल भर करते हैं इंतज़ार- कुलपति


पूसा कृषि मेले की शुरुआत 1972 में हुई थी, यहां नए उन्नत बीज और नई तकनीक की जानकारी एक ही जगह पर मिल जाती है- रामनाथ ठाकुर


रिपोर्ट- ए. एन. प्रसाद।


समस्तीपुर: डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में तीन दिवसीय किसान मेला का शुभारंभ हो गया है । 24 फरवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले किसान मेला का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर, एमएलसी डॉ तरुण कुमार, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी एस पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। किसान मेला के उद्घाटन से पूर्व अतिथियों ने किसानों के द्वारा लगाए गए फल और सब्जियों के प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।


इस बार मेले का थीम "खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर" रखा गया है ।


किसान मेला में विश्वविद्यालय के अलावे अलग तरह के कुल 160 स्टाल भी लगाए गए है । मेले में बिहार के अलावे झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, सहित अन्य राज्यों से किसान पहुंच रहे है और विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित किए गए नए कृषि संयंत्र और बीजों के साथ नई तकनीक की जानकारी हासिल कर रहे है। मेले में पहुंचने वाले किसान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस मेले से काफी खुश दिख रहे है। उनका कहना है कि इस तरह के मेले में उन्हें खेती के नए तकनीक और नए प्रभेद की जानकारी मिलती है। जिससे किसानों को काफी फायदा मिलता है।


वहीं इस मेले के आयोजन को लेकर डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी एस पांडे ने बताया की इस वर्ष के किसान मेले का थीम "खाद्य सुरक्षा से पोषण की ओर" रखा गया है मेले के पहले दिन खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा पर चर्चा होगी। वहीं दूसरे दिन प्राकृतिक खेती और श्री अन्न के प्रचार प्रसार विषय पर चर्चा की जाएगी। वहीं मेले के अंतिम दिन डिजिटल एग्रीकल्चर के ऊपर सेमीनार का आयोजन किया गया है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार अनुसंधान किए जा रहे हैं और इस मेले के माध्यम से किसानों को जानकारी दी जा रही है। उनका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के बीच तकनीकों को साझा किया जाए ताकि किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा कर अपनी आय को बढ़ा सकें।


वहीं इस मेले के मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा की भारतीय परंपरा और नई तकनीक के साथ भविष्य की चिंता करते हुए कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ना है। नौजवानों को जोड़ना है। कृषि को रोजगार और स्वरोजगार का बड़ा वातावरण बनाना है। हर भारतीय एक नए अनुसंधान के साथ और नए रिसर्च के साथ कदम बढ़ाए जिससे देश ही नहीं विश्व का नेतृत्व करें।


पूसा कृषि विज्ञान मेला में किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, के साथ ही राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, आईसीएआर के संस्थानों सहित 160 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। 


वहीं राज्य सभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि पूसा कृषि मेले की शुरुआत 1972 में हुई थी, मेले के माध्यम से किसानों को न केवल कृषि की नई तकनीक की जानकारी होती है, साथ ही तीन दिन के कृषि मेले में आधुनिक कृषि गोष्ठियों में किसान वैज्ञानिकों से सीधे संवाद भी कर सकते हैं।



वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति जानकारी देते हुए बताया कि इस बार मेले का विषय है "खाद्य सुरक्षा से पोषण की ओर" रखा गया है। इस बार किसानों को कृषि उद्यमिता पर भी जानकारी दी जाएगी, हमारा प्रयास रहेगा कि हम सब प्रकार से विकसित भारत, संकल्प की जो परिकल्पना प्रधानमंत्री ने की है उसे पूरा करने से जुड़ी योजनाओं की जानकारी किसान भाइयों तक पहुँचायें। उन्होंने बताया कि-


यहाँ बासमती धान के बीज खरीद सकते हैं


पूसा मेले में किसान बासमती धान की उन्नत किस्मों के बीज खरीद सकते हैं। यहाँ पर पूसा बासमती 1, पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1918, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1728, पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1409 जैसी प्रजातियां और अन्य प्रजातियों के बीज भी उपलब्ध है जिसे आप खरीद सकते हैं।


किसान पूसा संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर भी बीज की बुकिंग कर सकते हैं, जहां पर ऑनलाइन पेमेंट करने पर उसकी रसीद या नंबर मिल जाएगा, इससे आपको मेले में लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी।


सम्मानित किए जाएँगे प्रगतिशील किसान


हर साल की तरह इस बार भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान) देश के चुनिंदा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करेगा। व्यावहारिक कृषि प्रौद्योगिकियों और तकनीक को विकसित और प्रसारित करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पूसा संस्थान हर साल पूसा कृषि विज्ञान मेले में लगभग 25-30 उन्नतशील किसानों को "आईएआरआई नवोन्मेषी किसान" और "आईएआरआई-अध्येता किसान" जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इस बार भी तीन दिवसीय किसान मेला में किसानों को सम्मानित किया जाएगा।



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