Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions
क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भूमि प्रशासन में उपविभागीय अधिकारियों और केंद्रीय सचिवालय में कार्यरत उप सचिवों की भूमिका पर बल दिया गया
बांग्लादेश के सिविल सेवकों ने बांग्लादेश में भूमि प्रशासन, सार्वजनिक नीति, डिजिटल बांग्लादेश और निवारण तंत्र पर अपना समूह कार्य प्रस्तुत किया
साभार: पीआईबी, नई दिल्ली।विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस -एनसीजीजी) द्वारा बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए आयोजित 2 सप्ताह का 69वां और 70वां बैच क्षमता निर्माण कार्यक्रम (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम -सीबीपी) विगत 16 फरवरी, 2024 को संपन्न हो गया। मसूरी और नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उप सचिव और उप-जिला निर्बाही अधिकारी के रूप में कार्यरत 84 अधिकारियों ने भाग लिया। 69वें और 70वें क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के सफल समापन के साथ, एनसीजीजी ने बांग्लादेश के 2500 सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने की उपलब्धि प्राप्त कर ली है। कुल 2557 बांग्लादेश सिविल सेवकों को एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किए गए हैं। बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम विदेश मंत्रालय के भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (इंडियन टेक्निकल एंड इकॉनोमिक कोऑपरेशन –आईटीईसी) कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित किए जा रहे हैं, जिसे बांग्लादेश सरकार के साथ एनसीजीजी द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। 1,500 सिविल सेवकों के लिए सीबीपी के पहले चरण के पूरा होने के बाद से एनसीजीजी ने 2025 तक अतिरिक्त 1,800 सिविल सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनसीजीजी ने अब तक बांग्लादेश के 940 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।

क्षमता निर्माण कार्यक्रम भूमि प्रशासन (लैंड एडमिनिस्ट्रेशन) में उप-सम्भागीय (सब-डिवीजनल) अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका और राजस्व (रेवेन्यू) प्रशासन को कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए न्यायोचित रूप से कार्यपद्धति में सुधार लाने पर केंद्रित है। कार्यक्रम में केंद्रीय सचिवालय में उप सचिवों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया गया और ई-ऑफिस को अपनाकर केंद्रीय सचिवालय के डिजिटलीकरण पर जोर दिया गया। बांग्लादेश के युवा सिविल सेवकों को नागरिकों एवं सरकार को और निकट लाने, संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन और नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कवर किए गए क्षेत्रों में अन्य विषयों के अतिरिक्त शासन के बदलते प्रतिमान, आपदा प्रबंधन, नेतृत्व और संचार, डिजिटल इंडिया, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), स्वामित्व योजना, कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण, सभी को आवास योजना, स्वास्थ्य देखभाल में डिजिटल प्रशासन, मुद्रा योजना शामिल हैं। बांग्लादेश के सिविल सेवकों ने अपनी समग्र सीखने की यात्रा को बढ़ाने के लिए, जिला अधिकारी कार्यालय (डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरेट) बुलंदशहर का एक्सपोज़र दौरा भी किया।
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समापन सत्र में बांग्लादेश के सिविल सेवकों ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव और महानिदेशक एनसीजीजी वी. श्रीनिवास के साथ भी बातचीत की। संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख डॉ. ए. पी. सिंह, पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. मुकेश भंडारी, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक, श्री संजय दत्त पंत, कार्यक्रम सहायक और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम द्वारा की गई। विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरेट्रिया और कंबोडिया इत्यादि 17 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।
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