महिला जागरूकता: बंगरा थानाध्यक्षा ने "महिला सशक्तीकरण सभा" का किया आयोजन, साईबर अपराध के प्रति बच्चों को किया जागरूक

महिला जागरूकता: बंगरा थानाध्यक्ष ने "महिला सशक्तीकरण सभा" का किया आयोजन, साईबर अपराध के प्रति बच्चों को किया जागरूक


रिपोर्ट: एस. भारती।

समस्तीपुरः जिला अंतर्गत बंगरा पुलिस ने शुक्रवार 15 मार्च को, थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय में महिला सशक्तिकरण सभा का आयोजन किया। आयोजित इस सभा के माध्यम से बंगरा थानाध्यक्ष सुश्री मनिषा कुमारी ने, विद्यालय के बच्चों के सामने परिस्थितिजन्य संवेदनशीलता के बारे में जानकारी देते हुए, उन्हें लैंगिक अपराध, ईलेक्ट्रॉनिक उपकरण/इंटरनेट/मल्टीमीडिया सेल फोन का उपयोग करते हुए बच्चियों के साथ होने वाले अपराध व उससे बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। बंगरा थानाध्यक्ष सुश्री मनिषा कुमारी ने सशक्तीकरण सभा के माध्यम से बच्चियों को बताया कि, मानव को परम पिता परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ कृति कहा जाता है।



मानव के भीतर प्रेम, दया, करुणा, शोक, सहानुभूति, संवेदना आदि संवेगों का अथाह सागर है। मनुष्य एक संवेदनशील प्राणी माना जाता है। वह दूसरों के सुख-दुख में सहायता करता है। संवेदनशीलता से तात्पर्य मानव का किसी वस्तु, घटना अथवा व्यक्ति के प्रति शारीरिक तथा भावनात्मक अभिव्यक्ति व प्रतिक्रिया देना है। प्रत्येक मानव अपनी संवेदनाओं को अलग-अलग रूपों में अभिव्यक्त करता है। प्राचीन काल में हम अपने सगे- संबंधियों का हाल-चाल पत्रों द्वारा पूछते थे। उसी पत्र के माध्यम से हम अपनी भावनाओं व संवेदनाओं को प्रकट किया करते थे, लेकिन अब तकनीकी विकास इतनी ज्यादा हो चुकी है कि, बस ऊंगली के एक क्लिक करते ही सारी जानकारी हमारी आंखों के सामने आ जाती है।


हालांकि इस तकनीकी विकास ने जितने सहूलियत दिए हैं, गलत प्रवृति के लोगों ने इस तकनीकी विकास का ही इस्तेमाल करते हुए उससे ज्यादा परेशानी भी बढ़ाए हैं। साइबर के इस बढ़ते प्रभाव ने युवा पीढ़ी को बुरी तरह प्रभावित किया है। इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर आदि समेत अनेक सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने युवाओं तथा बच्चों पर बुरा प्रभाव डाला है। वर्तमान समय में छोटे-छोटे बच्चों तक, ऑनलाइन/साइबर के माध्यम से हर प्रकार का ज्ञान पहुंच रहा है, चाहे वह ज्ञान उन बच्चों के लिए आवश्यक हो या नहीं हो। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि, हमारे आस-पास बच्चे उम्र से पहले ही बड़े हो रहे हैं। यह साईबर युग बच्चों का बचपन छिन रहा है। बच्चों की कल्पनाशीलता प्रभावित हो रही है। संवेदनाओं के ह्रास के कारण अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है।



साईबर व इंटरनेट युग का ही प्रभाव है कि, आज छोटे छोटे बच्चे गलत दिशा में जाने लगे हैं। इस दौरान थानाध्यक्षा सुश्री मनिषा कुमारी ने स्कूली बच्चों को समझाते हुए यह भी कहा कि, हमें तकनीकी विकास के साथ-साथ अपनी मानवीय संवेदनाओं को भी जागृत करना होगा, तभी हम देश की आने वाली पीढ़ी को इस इंटरनेट व साईबर युग में भी सुरक्षित रखते हुए संस्कारी बना सकते हैं। "संवेदनाएं सब मृत हो चुकी, मृत हो गए हमारे प्राण, जब होंगी संवेदनाएं जागृत तभी होगा देश का कल्याण"।


थानाध्यक्ष सुश्री मनिषा कुमारी ने इस लोकोक्ति के माध्यम से समझाया कि, अभी के समय में लोगों की संवेदनाएं मृतप्राय हो चुकी है। जिसके कारण लैंगिक अपराध व साईबर अपराध वृद्धि हो रही है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी मानवीय संवेदनाओं को जागृत करें, ताकि इस तरह के अपराधों पर रोक लगायी जा सके, ताकि थाना क्षेत्र अथवा जिला या राज्य ही नही।



संपूर्ण भारत देश को इस प्रकार के होने वाले अपराधों से बचायी जा सके। इस सूचना क्रांति के युग में संचार संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग करना भी बड़ी चुनौती है। संचार संसाधनों के जरूरी प्रयोग के बल पर ही इनकी उत्पत्ति की सार्थकता को सिद्ध किया जा सकता है। इंटरनेट, फेसबुक जैसी नवीनीकृत खोज हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ने व ज्ञानवर्धन करने में बेहद उपयोगी हैं। लेकिन इन्हीं संसाधनों का दुरुपयोग समाज में नई कुरीतियों को जन्म देने के साथ ही हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी तोड़ सकता है। थानाध्यक्ष सुश्री मनिषा कुमारी ने सकारात्मक मूल्यों को स्थापित करने पर बल देते हुए कहा कि, जब तक युवा विकासशील मस्तिष्क से पूर्वाग्रहों को मिटाएंगे नही, निष्पक्ष समाज की कल्पना करना भी मुश्किल है, क्योंकि प्रत्येक महिला के अधिकार उसके पुरुष समकक्ष के समान ही महत्वपूर्ण हैं।


इसलिए निष्पक्ष प्रथाओं के साथ एक समावेशी लिंग विविध कार्यस्थल बनाना, लैंगिक समानता संबंधी चिंताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाकर व्यवहार में संशोधन की दिशा में काम करना, एक खुले विचारों वाला समाज बनाना, उन्हें उनके संवैधानिक अधिकारों और सुरक्षा उपायों से परिचित कराना, उचित मार्गदर्शन प्रदान करना, आदि ही महिलाओं व बच्चियों को इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान कर सकती है। मौके पर बंगरा थानाध्यक्ष सुश्री मनिषा कुमारी के साथ साथ प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक प्रति कुमारी व विद्यालय के सभी शिक्षक मौजूद थे।

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