सावधान- मरीजों के साथ खिलवाड़: कैंसर के नकली इंजेक्शनों का सबसे बड़ा सप्लायर गिरफ्तार

सावधान- मरीजों के साथ खिलवाड़: कैंसर के नकली इंजेक्शनों का सबसे बड़ा सप्लायर गिरफ्तार

देशभर में चल रहा नकली दवाइयों और इंजेक्शनों का फैला कारोबार, कई शहरों में बिकते थे कैंसर के नकली इंजेक्शन, 1.97 लाख रुपये में 100 रुपये की दवाई, पुलिस लगा रही प्रभावितों की जानकारी



सौजन्य: Republic Media Network.

नई दिल्ली/मुजफ्फरपुर: किसी भी बीमारी के लिए अच्छे से अच्छा इलाज भी बेअसर हो सकता है। मरीज इसलिए ठीक नहीं होते क्योंकि बहुत कीमती दवाइयां और इंजेक्शन नकली भी हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस की कार्यवाही कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है। अनुमान लगाया जा सकता है कि गंभीर बीमारियों की नकली दवाई और इंजेक्शन बेचने वालों का जाल देशभर में फैला हुआ है।



दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कैंसर के नकली इंजेक्शन बनाने व सप्लाई करने के मामले में नकली इंजेक्शन के सबसे बड़े सप्लायर आदित्य कृष्ण को गिरफ्तार किया है। उसकी मुजफ्फरपुर, बिहार में पापुलर मेडिकल के नाम से केमिस्ट की दो सबसे बड़ी दुकानें हैं। वह नकली इंजेक्शन मुंबई, पुणे और बैंगलुरू में सप्लाई करता था। आरोपी ने आईआईटी बीएचयू से बीटेक किया हुआ है।



दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बिहार निवासी आदित्य कृष्ण को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया गया। उसे दिल्ली लाया गया है। इस मामले में ये आठवीं गिरफ्तारी है। वह नीरज चौहान से इंजेक्शन व दवाइयां खरीदता था। वह दिल्ली-एनसीआर में भी सप्लाई करता था। आरोपी गिरोह सरगना विफिल जैन के कर्मचारी सूरत सत से नकली इंजेक्शन खरीदता था।


1.97 लाख रुपये में 100 रुपये की दवाई

आरोपी आदित्य कृष्ण इसके अलावा वह गिरोह के अन्य सदस्य नीरज चौहान से भी नकली इंजेक्शन खरीदता था। पुलिस की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी दो तरह के नकली इंजेक्शन बनाते थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 1.97 लाख रुपये के इंजेक्शन में ये 100 रुपये की दवाई डालते थे। एक इंजेक्शन आदित्य कृष्ण को एक लाख रुपये में मिलता था। ये आगे उसे 1.20 लाख रुपये में बेचता था।


पुलिस लगा रही प्रभावितों की जानकारी

अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक तो पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। अब ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी कैसे कैंसर के इलाज में काम आने वाले नकली इंजेक्शन बनाते थे। अब पुलिस इस बात की जांच करेगी कि आरोपियों का इंजेक्शन लेने से कितने मरीजों की मौत हुई और कितने मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई।

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