शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक को फिर अपने फैसले से पीछे हटना पड़ेगा। सरकार ने नियोजित शिक्षकों को सक्षमता के लिए ऑनलाइन के साथ अब ऑफलाइन की छूट दे दी है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इनकी परेशानी को देखते हुए दो बार ऑफलाइन (लिखित) सक्षमता परीक्षा भी आयोजित करने का निर्णय लिया है।
पटना: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव लगातार पटखनिया खा रहे है। उनके कई आदेश पलटते रहे हैं। ताजा मामला सक्षमता परीक्षा को लेकर है। शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए तीन आनलाइन परीक्षाओं में किसी एक में पास होना अनिवार्य कर दिया था। अब ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प भी सरकार ने शिक्षकों को मुहैया करा दिया है। हालांकि, नियोजित शिक्षक अब भी नाराज हैं। शिक्षकों की मांग है कि उन्हें बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए। इस बीच कई शिक्षकों के आवेदन भरने की खबरें भी सामने आई है।
ऑफलाइन सक्षमता परीक्षा
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने हेतु सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है। अभी तक इसके लिए तीन ऑनलाइन परीक्षा का प्रावधान है। शिक्षकों की तरफ से लगातार मांग की जा रही थी कि ऑनलाइन परीक्षाओं के साथ ऑफलाइन (लिखित) परीक्षा हो। ऐसा नहीं होने पर पुराने शिक्षकों को कठिनाई होगी। मुख्यमंत्री ने इनकी परेशानी को देखते हुए दो बार ऑफलाइन (लिखित) सक्षमता परीक्षा भी आयोजित करने का निर्णय लिया है।
'धैर्य रखें, बहकावे में न आएं'
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने शिक्षकों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और किसी बहकावे में न आएं। कुछ लोग अपना हित साधने के लिए उन्हें उकसा सकते हैं। सरकार उनके हितों का ख्याल रखेगी। हाल के दिनों में शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हुआ है। सुदूर इलाके के विद्यालय भी पूरे समय तक चलते हैं। इससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था में बिहार वासियों का भरोसा बढ़ा है। इसे बरकरार रखने की जरूरत है। नियोजित शिक्षक शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से पूर्व में भी अपनी मांग रख चुके हैं। शिक्षा मंत्री ने आंदोलन के दिन भी शिक्षकों को नौकरी नहीं जाने का आश्वासन दिया था।

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